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Saturday, May 23, 2009

ये आंसू भी अजीब हैं

ये आंसू भी अजीब हैं 

तेरे गम मे रोते है ,
तो तेरी ख़ुशी मे भी छलकने लगते है ........

तेरे विरह मे रोते है ,
तो तेरे मिलन की आस मे भी छलकने लगते है ........

तेरे रूठने पर रोते है ,
तो तेरे मान जाने पर भी छलकने लगते हैं ...........

तेरा प्यार न पाने पर रोते है ,
तो तेरा प्यार पा कर भी छलकने लगते हैं .......

जब तेरी याद ज्यादा आती है तो ये इस क़दर बेक़रार
हो जाते हैं की रुकने का नाम ही नहीं लेते ,

ये आंसू भी अजीब हैं
गम में रोते हैं ,
और ख़ुशी मे भी छलकने लगते हैं..........

रेवा 

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