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Friday, March 4, 2011

क्या हम ऐसे ही चुप रहेंगे ?

ये कैसी  है दुनिया
ये कैसे हैं लोग ?
इतने वहशी ,
एक दस साल
की बच्ची जिसके
अभी दूध के दांत
पुरे नहीं टूटे ,
जो अभी इस दुनिया
को जानती नहीं
जानती है थो बस
खेल खिलोने ,
उसकी अस्मत लुटने
की कोशिश ,
जिसे यह भी नहीं पता
की क्या हुआ है उसके
साथ ?
सिर्फ उसकी ही ज़िन्दगी
को नहीं धकेला अँधेरे में
बल्कि उसके माँ बाप
को जीते जी मार डाला ,
जो सोचते है की वो
रक्षा नहीं कर सके
अपनी बच्ची की ,
वो माँ जो रो रो
खुद को और अपनी
बच्ची को मार डालना
चाहती है ,
ये कैसी दुनिया
दे रहे हैं हम अपने
बच्चो को ?
क्यों यह सब रोज
हम पढ़ और सुन कर 
चुप रहते है ?
कल को हमारे बच्चो 
के साथ ऐसा कुछ हुआ 
तो क्या हम ऐसे ही
चुप रहेंगे ?


रेवा





3 comments:

  1. "Pardukhh sheetal"!Ham samvedanheen ban rahe hain ye bhee sach hai....lekin bada afsos hota hai jab balatkaar kee shikar hui ladkee ke gharwale use doshi thahrate hain...itna ki,wo aatmhatya ko pravrutt ho jaye!Is baat ko leke janjagruti behad zarooree lagtee hai.Balatkaree manovruttee ke log to is duniyame panapte hee rahenge...

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  2. सोच, शब्द और प्रस्तुति - अति सुंदर - बधाई

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