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Wednesday, May 29, 2013

क्या लिखूँ ?

क्या लिखूँ आज ?
मौसम का हाल या
प्यार का बुखार ,
दोस्ती का खुमार या
रिश्तों की गुहार  ,
ज़िन्दगी के ताने बाने या
अनकही  जज्बातें ,
या तेरी मेरी मुलाकातें
आज शायद कुछ नहीं क्युकी ,
जितनी भी कोशिश कर लो
रह ही जातें हैं
अपने कुछ अधलिखे ख्याल
जो चाह कर भी इन पन्नों पर
शब्द बन कर संवर नहीं पाते
और दे देते हैं एक अतृप्ति का भाव /

रेवा







14 comments:

  1. यह अतृप्ति के भाव ही टोलिखा देते हैं कुछ भी ।

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  2. sach rewa kabhi kabhi shbdo ka milna aur unko vyakt karna mushkil hota hai ..kya likhu bahut khub likha aapne

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  3. मुझे भी लिखने को कुछ नहीं मिला

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  4. जो लिखा ,वो व्यक्त कर कर गया तुम्हारे भाव :-)

    सस्नेह
    अनु

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  5. kuch na likh kar kuch likh diya

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  6. बहुत सही लिखा है बहुत अच्छे से

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  7. बहुत कुछ लिख दिया

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  8. शानदार प्रस्तुति बहुत सही लिखा है

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  9. सब कुछ कहाँ लिख पाते हैं...यह अतृप्ति की भावना ही तो प्रेरणा है आगे लिखने की...बहुत सुन्दर ...

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  10. कुछ भी लिखिए ....जो भी लिखेंगे सुन्दर ही लिखेंगे

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  11. बहुत ही खुबसूरत....

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