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Thursday, August 27, 2009

सिखा दे मुझे


दूर रह कर दूर रहना आता है मुझे
पास रह कर दूर रहना सिखा दे मुझे ,

बिना मिले तुझे महसूस करना आता है मुझे
मिल कर भी तुझे न पाना सिखा दे मुझे ,

टूट कर प्यार करना आता है मुझे
प्यार कर के टूट जाना सिखा दे मुझे ,

चैन गवां कर बेचैन होना आता है मुझे
चैन पा कर भी बेचैन होना सिखा दे मुझे ,

दुःख मैं भी सुख ढूँढना आता है मुझे
सुख मैं भी दुखी होना सिखा दे मुझे ,

प्यार के बिना जीना आता है मुझे
प्यार दे कर भी तडपना सिखा दे मुझे ,

जी कर मरना आता है मुझे
मर कर जीना सिखा दे मुझे ,

दूर रह कर दूर रहना आता है मुझे
पास रह कर दूर रहना सिखा दे मुझे l 


रेवा  

Friday, August 21, 2009

क्या हैं जवाब ?


क्या तेरे पास इन सवालों के जवाब है ?
क्यों यह दूरियां इतना तडपाती हैं 
क्यों सिर्फ़ यादों से इस मन को बहला नही पाती 
लाख कोशिशों लाख सवालों जवाबों के बावजूद 
यह नही समझता ,
क्यों यह इस दुनिया के रीती रिवाजों ,रस्मों को
तोड़ने पर आतुर रहता है ? 
क्यों यह जानते हुए की इस जन्म मे तो हमारा मिलन 
मुमकिन नहीं ,यह नही मानता  ?
हर पल बस तुझे याद करता है 
हर लम्हा तेरी चाह लिए जीता है 
क्यों तेरी एक आवाज़ सुनने को व्याकुल रहता है 
ख्वाबो मे भी तेरी झलक पा कर बेताब हो जाता 
तेरे द्वारा कही गई बातो को ही अपनी ज़िन्दगी मानता है ,
तेरी हँसी हँसता है ,तेरे आंसू रोता है ,
हर पल भावुकता मे बहने को आतुर रहता है ,
अपनी इच्छाओं को मार कर लहू लुहान होता रहता है ,
क्या तेरे पास इन सवालों के जवाब है ,
बोलो क्या हैं जवाब ?



रेवा

Tuesday, August 18, 2009

तेरी यादें




तेरी यादें बहुत प्यारी है

कभी मुझे हँसा देती है 

और कभी मुझे रुला देती हैं,

कभी मुझे अपने मे इस कदर समेट लेती है

जैसे तू मुझे अपनी बाँहो़ मे समेट रहा हो,

तेरी यादों के सहारे तुझसे दूर हो कर भी

हमेशा तेरी नजदीकी का एहसास होता है,

तेरी यादों मे समाना
ऐसा है, जैसे बादल हर

शाम सूरज को अपने आगोश मे समां लेता है
 ,

जैसे प्यासी धरती पर बारिश की हर एक बूँद,



जैसे चाँद की रौशनी से नहाई रात,

तेरी यादें बहुत प्यारी है ...

तेरी यादों में मैं हर लम्हा जी लेती हूँ

हर पल तेरे प्यार को महसूस कर लेती हूँ ,

पर कभी कभी दिल यह कह उठता है की

काश तेरी यादों के साथ- साथ तू भी

मेरे करीब होता.................


रेवा