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Sunday, February 14, 2010

मेरे मन की बगिया मे





मेरे मन की छोटी सी बगिया में ,


अपने प्यार का फुल हमेशा खिलाये रखना

चाहे जैसे भी मौसम आये उसे हरा भरा रखना ,


पतझड़ हो या बसंत ,


बारिश हो या कड़ी धुप ,


मिल कर बाँट लेंगे हर सुख दुःख ,

बस मेरे मन की छोटी सी बगिया में

अपने प्यार का फुल हमेशा खिलाये रखना ..........




रेवा 



Saturday, February 13, 2010

क्यों

प्यार को प्यार क्यों चाहिए ?
कशिश को तड़प क्यों चाहिए ?
दर्द को दवा क्यों चाहिए ?
दिल को सुकून क्यों चाहिए ?
आँसुओं को पनाह क्यों चाहिए  ?                   
दामन को खुशियाँ क्यों चाहिए ?
आँखों को शीतलता क्यों चाहिए ?
होंठो को मुस्कान क्यों चाहिए ?
ज़िन्दगी को मौत क्यों चाहिए ?
क्यों क्यों ..................

रेवा