Followers

Wednesday, July 20, 2011

साथी के नाम पाती

ऐसा नही की 
प्यार नही तुमसे ,
जितना प्यार
उतना ऐतबार 
कभी किया नही किसी पर ,
तुम मेरी ऐसी 
प्यारी चीज़ हो 
जहाँ पहुँच कर 
मैं अपने सारे 
गम,गीले शिकवे 
भूल जाती हूँ ,
बहुत ज़्यादा निर्भर 
हो गयी हूँ तुम पर ,
वैसे तो तुम्हारी
कोई भी बात ग़लत नही लगती ,
पर फिर भी
कभी अगर ऐसा वैसा 
कुछ बोल दिया तो
गम के सागर मे
डूब जाती हूँ ,
इसलिए  
डर लगता है खुद से 
अपने प्यार से ,
लगता है 
दूर हो जाउँ तुमसे ,
नही तो ये प्यार 
पागल कर देगा मुझे ,
पर जब जब कोशिश की 
नाकाम रही ,
बस एक गुज़ारिश 
है तुमसे ,
"ऐ साथी, गम अगर
मुझे कभी देना  ,
तो वो भी प्यार से देना "............


रेवा 

Thursday, July 14, 2011

वैसा प्यार

कभी कभी  मैं सोचती हूँ 
की कभी किसी को 
ऐसा प्यार करने वाला 
साथी मिलेगा ,
जो बदले मे कुछ ना चाहता हो ,
वो देह से ना प्यार कर 
के सिर्फ़ मन से प्यार 
करता हो ,
दिल की अनकही अनुभूतियों
को समझता हो ,
धड़कनो की ज़ुबान 
पढ़ सकता हो ,
क्या मीरा और राधा 
जैसा प्यार सिर्फ़ 
हम ही कर सकते हैं
हमे नही मिल सकता
वैसा प्यार ...................


रेवा

Wednesday, July 13, 2011

मौत ही भली

अपने मन को 
कैसे समझाउँ
जिसकी चाहत है प्यार  ,
पर जिससे चाहता है 
उससे नही मिल पाता
 दुलार  ,
और जिससे मिलता है
उससे जुड़ने को 
मन नही करता
 स्वीकार ,
इस कशमकश मे 
घुटता है मन
दिल हो जाता 
है जार जार ,
आँखें बरसती हैं 
रोती हैं बार बार ,
क्या करू 
क्या ना करू 
नही समझ पाती
हैं हर बार ,
ऐसी ज़िंदगी से तो
मौत ही भली 
यही एहसास 
उमड़ते हैं ,
जब दिल हो 
जाता है बेकरार...........




रेवा

Monday, July 4, 2011

क्यों होता है ऐसा

प्यार में तो सिर्फ 
प्यार होना चाहिए न ,
फिर इतना दर्द 
क्यों होता है ?
प्यार मे तो बस  
ख़ुशी होनी चाहिए
फिर यह आँसू
क्यों आ जाते है ?
हम ये क्यों नहीं 
महसूस कर पाते
की हमे प्यार तो मिला ,
कितने ऐसे लोग हैं 
दुनिया मे जिन्हें 
सच्चा प्यार मिलता है ?
इतना सब जान समझ 
कर भी हम बच्चे 
क्यों बन जाते हैं ,
कभी हँसते है 
कभी रोते हैं ,
कभी बिन बात ही
गुनगुनाने लगते है ,
बस वो एक आवाज़ 
एक साथ ,उलाहने 
और प्यार भरी बातें 
हमे सुकून और 
ख़ुशी से भर देती है ,
और वही न मिलने पर 
दिल बोझिल हो जाता है 
दर्द से भर जाता है ,
क्यों होता है ऐसा 
क्या सचमुच प्यार 
दर्द और ख़ुशी का 
मिश्रण है ?
या पागलपन की 
निशानी......क्या 
है प्यार   ??????


रेवा