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Tuesday, July 24, 2012

उफ्फ ये दर्द


उफ्फ ये दर्द
जब होता है  तो ,
हर चीज़ इसके सामने छोटी हो जाती है ,
मन बदलने के लिए कुछ भी करो
हर बार दर्द अपनी जगह बना ही लेता है ,
गाने सुनो तो ,
गाने के बोल नश्तर चुभाते हैं ,
कोई प्यार से बात करे तो
ये और भी बढ़ जाता है ,
हर वो चीज़ ,
जो सुकून देनी चाहिये
वो दर्द का एहसास कराती है ,
लगता है
सारे ज़माने की तकलीफ सिमट कर
खुद की झोली में आ गयी हो ,
कहा जाता है की
दर्द जिसने अनुभव किया हो
उसे ही सुख की अनुभूति होती है ,
पर क्या सुख के लिए
इतना दर्द बर्दाश्त करना जरुरी है ?

रेवा

Sunday, July 15, 2012

हमसफ़र


इतने सालों मे 
तुने कुछ कहा नहीं मुझसे 
पर मैं वो हमेशा  सुनती  रही 
जो सुनना चाहती थी ,
हर जख्म मे मरहम 
खुद ही लगाती रही ,
बिना खवाब दिखाए 
रोज़ एक नया ख्वाब बुनती रही ,
अश्क बहाती रही 
और खुद ही पोछती रही ,
हर नए दिन के साथ 
नयी उम्मीद जगाती रही ,
साल बीतते गए 
जख्म नासूर बन गए ,
अश्क सुख गए  
उम्मीद टूट गयी 
दिल जल कर राख़  हो गया ,
हमसफ़र तो हम बन गए 
पर हम अकेले सफ़र करते रहे 


रेवा 

Monday, July 9, 2012

पगलाये नयन

किसी ने सच ही कहा है की,
बारिश के साथ रोना
कितना आसान होता है,
बूंदो का आंसुओं से मिलन
बादलों के प्यार का दर्द से मिलन,
पानी का पानी मे मिल क़र
बह जाना ,
कितना अद्दभुत है ये
पगलाये बादलों और
पगलाये नैनों का मिलन /


रेवा

Monday, July 2, 2012

कैसे ?

प्यार जितना प्यारा शब्द है
उतना ही प्यारा एहसास ,
खुशबू से भरा हर लम्हा
हर वक़्त एक अजीब सी
गुदगुदी का महसूस होना ,
ख्याल भर से ही मुस्कुराहट
बिखेर जाना ,
हर तरफ संगीत ही संगीत ,
जब कुदरत ने हमें इतना
प्यारा एहसास दिया है तो ,
हम नफरत के लिए
कैसे समय निकाल लेते हैं ?


रेवा