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Friday, November 27, 2015

आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……



आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……

बीते लम्हों मे भरा एतबार पढ़ा
हँसी और आंसुओं का सैलाब पढ़ा
आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……

खुद के लिए तुम्हारी फ़िक्र तुम्हारा ख्याल पढ़ा
भुखी दुपहर को तुम्हारा इंतज़ार पढ़ा
आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……

सिंदूरी शामों को कॉफ़ी का साथ पढ़ा
बेक़रार रातों को तुम्हारा एहसास पढ़ा
आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……

झूठे वादों का अल्फ़ाज़ पढ़ा
टूटती सांसों से यादों का कलमा पढ़ा
आज पुरानी डायरी मे बेशुमार प्यार पढ़ा ……


रेवा




Thursday, November 19, 2015

उपहार






दीये से इन नयनों मे
प्यार की बाती
जलायी है
तुम अपने
एहसासों के तेल से
इसे सदा 
सींचते रहना......
फिर देखना 
हमारे घर मे हर दिन 
दीवाली सी 
जगमगाहट फैली रहेगी,
दोगे न 
मुझे दीवाली का ये
उपहार !!!

रेवा