tag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post1556942181378641050..comments2024-03-16T10:31:53.517+05:30Comments on प्यार : खेल Rewa Tibrewalhttp://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-79439160657843519732018-03-01T19:43:39.990+05:302018-03-01T19:43:39.990+05:30शुक्रिया onkar जी शुक्रिया onkar जी Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-9392102653728527212018-03-01T19:43:16.158+05:302018-03-01T19:43:16.158+05:30आभार ध्रुव जी
आभार ध्रुव जी <br />Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-72924775981334861452018-03-01T19:42:52.654+05:302018-03-01T19:42:52.654+05:30shukriya reena shukriya reena Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-67889705796940444802018-02-27T14:56:21.297+05:302018-02-27T14:56:21.297+05:30बहुत ही सटीक रचना..बहुत ही सटीक रचना..मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-17218293110838270612018-02-26T12:37:23.066+05:302018-02-26T12:37:23.066+05:30 मेरी झोंपड़ी
ईंट से ईंट जोड़ कर
महल बना लिए तुमन... मेरी झोंपड़ी<br /><br />ईंट से ईंट जोड़ कर<br />महल बना लिए तुमने<br />पत्थरों को तराश<br />शहर बसा लिए तुमने ,<br /><br />मेरी झोंपड़ी शायद<br />तेरी औक़ात के करीब नही<br />छनकर आती यह रोशनी<br />फक़त मेरी है तेरा शरीक नहीं .देशवालीhttps://www.blogger.com/profile/09399363512978258811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-41940434880926742782018-02-26T12:36:42.236+05:302018-02-26T12:36:42.236+05:30तेरा बाबा
बूढे बाबा का जब चश्मा टूटा
बोला बेटा कु... तेरा बाबा<br /><br />बूढे बाबा का जब चश्मा टूटा<br />बोला बेटा कुछ धुंधला धुंधला है<br />तूं मेरा चश्मां बनवा दे,<br />मोबाइल में मशगूल<br />गर्दन मोड़े बिना में बोला<br />ठीक है बाबा कल बनवा दुंगा,<br />बेटा आज ही बनवा दे<br />देख सकूं हसीं दुनियां<br />ना रहूं कल तक शायद जिंदा,<br />जिद ना करो बाबा<br />आज थोड़ा काम है<br />वेसे भी बूढी आंखों से एक दिन में<br />अब क्या देख लोगे दुनिया,<br />आंखों में दो मोती चमके<br />लहजे में शहद मिला के<br />बाबा बोले बेठो बेटा<br />छोड़ो यह चश्मा वस्मा<br />बचपन का इक किस्सा सुनलो<br />उस दिन तेरी साईकल टूटी थी<br />शायद तेरी स्कूल की छुट्टी थी<br />तूं चीखा था चिल्लाया था<br />घर में तूफान मचाया था<br />में थका हारा काम से आया था<br />तूं तुतला कर बोला था<br />बाबा मेरी गाड़ी टूट गई<br />अभी दूसरी ला दो<br />या फिर इसको ही चला दो<br />मेने कहा था बेटा कल ला दुंगा<br />तेरी आंखों में आंसू थे<br />तूने जिद पकड़ ली थी<br />तेरी जिद के आगे में हार गया था<br />उसी वक्त में बाजार गया था<br />उस दिन जो कुछ कमाया था<br />उसी से तेरी साईकल ले आया था<br />तेरा बाबा था ना<br />तेरी आंखों में आंसू केसे सहता<br />उछल कूद को देखकर<br />में अपनी थकान भूल गया था<br />तूं जितना खुश था उस दिन<br />में भी उतना खुश था<br />आखिर "तेरा बाबा था ना"देशवालीhttps://www.blogger.com/profile/09399363512978258811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-29779631991889359552018-02-25T20:28:27.510+05:302018-02-25T20:28:27.510+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /> निमंत्रण <br /><br />विशेष : 'सोमवार' २६ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय माड़भूषि रंगराज अयंगर जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।<br /><br />अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" 'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2479014459129076467.post-52307183892141261822018-02-25T10:20:01.921+05:302018-02-25T10:20:01.921+05:30सटीक रचना सटीक रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.com