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Sunday, April 26, 2009

आज मन क्यों इतना व्याकुल है

आज मन क्यों इतना व्याकुल है......

पता नहीं बार बार आंखे क्यों भर आती है

कुछ भी मन को सुकून क्यों नहीं देता है

किसी अनजानी आशंका ने मन को क्यों घेर रखा है

क्यों बार बार दिल भर जाता है

क्यों इतनी बैचनी हो रही है

क्यों मन अच्छी बातें नहीं याद कर पा रहा है
क्यों अपने आप को कमज़ोर महसूस कर रही हूँ
क्यों लगता है कोई मेरे साथ नहीं है
क्यों इस दुनिया की भीड़ में अपने आप को तनहा महसूस कर रही हूँ

आज मन क्यों इतना व्याकुल है........

रेवा

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