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Wednesday, July 29, 2009

क्या तुम यह जानते हो ?

क्या तुम जानते हो .........
तुम्हारा नशा मेरी आँखें
तुम्हारी खुशबू मेरा इत्र
तुम्हारा प्यार मेरा श्रृंगार
तुम्हारा स्पर्श मेरे एहसास
तुम्हारे एहसास मेरी जिंदगी
तुम्हारे जज्बात मेरी बंदगी
तुम्हारी तड़प मेरा जूनून
तुम्हारा आगोश मेरा सुकून
तुम्हारी सांसें मेरी धड़कन
तुम्हारी बातें मेरी तड़पन
तुम्हारी धड़कन मेरा दिल
तूम मेरी आत्मा
क्या तुम जानते हो ????
रेवा



Friday, July 10, 2009

आहिस्ता आहिस्ता

आहिस्ता आहिस्ता
दिल कब पराया हो गया
पता ही न चला,

आहिस्ता आहिस्ता
कब वो मुझमे बस गया
पता ही न चला,

आहिस्ता आहिस्ता
कब मैं उसके सपनों
में खोने लगी
पता ही न चला

आहिस्ता आहिस्ता
कब उसका ख्याल,
उसकी बातें मेरी ज़िन्दगी बन गए
पता ही न चला

आहिस्ता आहिस्ता
कब मेरी हँसी ,मेरी खुशी ,मेरे आंसू सब
उससे जुड़ गए पता ही न चला

आहिस्ता आहिस्ता
कब उसके दिल उसकी बाँहो में मैं
बसने लगी पता ही न चला

आहिस्ता आहिस्ता
कब मेरी हर धड़कन
हर साँस उसकी हो गई
पता ही न चला

आहिस्ता आहिस्ता
कब एक दिन उसकी बाँहो में
मैं अपनी आखिरी साँस लुंगी
पता ही न चलेगा .............

रेवा









Thursday, July 2, 2009

प्यार

प्यार एक ऐसा जज्बा है
जिसकी कोई सीमा निर्धारित नही
न शुरुआत है न अंत
न इसकी गहराई का पता चलता है

यह तो ऐसा एह्स्सास है
जो बस महसूस किया जा सकता है

इस जज्बे में एक पल में
पुरी ज़िन्दगी जी जा सकती है
और एक ही पल मैं मौत का
एह्स्सास भी हो सकता है........

रेवा