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Friday, April 30, 2010

वो चांदनी रात

वो चांदनी रात
वो तेरा साथ,

वो वादियाँ वो फिजायें
वो झरने वो ठंडी हवाएँ,

वो लम्हा वो पल
वो बेचैनी हर पल,

वो नज़रों का मिलना
मिल कर झुक जाना,

वो तेरा हौले से आना
आकर चले जाना,

वो मेरी खुशी
वो मेरी ज़िन्दगी,

वो चांदनी रात
वो तेरा साथ l 


रेवा

Sunday, April 25, 2010

दर्द

दर्द शब्द खुद में
इतना दर्द पूर्ण है की क्या कहूँ  ...

न जाने कहाँ से ज़िन्दगी में
आ जाता है दर्द,
क्यों मन को इस कदर
दुखाता है दर्द,
आँखों से लहू बन कर
बहता है दर्द,
पन्नों पर शब्द बन कर
बिखर जाता है दर्द,
दिल को बहुत दुखाता है यह दर्द

बेगाने क्या अपने भी
दे जाते है दर्द,
हँसी में भी दबे पाँव
आ जाता है दर्द,
हर पल अपने होने का
 एहसास दिलाता है दर्द,
सांसों में क्या अब तो
धड़कनों में भी बस गया है दर्द,
न जाने कहाँ से ज़िन्दगी में
आ जाता है दर्द ....



रेवा

Saturday, April 17, 2010

सूनी धरती

तेरे प्यार के बिना मेरे जीवन की धरती सूनी थी ,
सोचा था की जब हम मिलेंगे वो फिर से हरी भरी हो जाएगी ,
पर क्या पता था मुझे की वो जैसी है वैसे ही रहेगी ,
तड़पती तरसती .....बारिश की हर एक के बूंद को ,
हर दिन नयी सुबह का इंतज़ार करती ,
हर रात फिर अपनी आशाओं का दम तोड़ती ,
अपनी दुनिया मे जीती ....
पर जिसकी दुनिया ही तेरा प्यार हो ,

वो कैसे जिये  कैसे रहे अपनी दुनिया में
कैसे कैसे...........


रेवा

Tuesday, April 13, 2010

आँसू..







कभी महसूस किया है इन आँसुओं को ?

गालो को गिला करते ढुलकते आँसू

आँखों से बहने के बाद लम्बा सफ़र तय  करते आँसू 

हमें  अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते आँसू 

कभी ऐसे ही बहते , बिना किसी बात के

कभी मन के तमाम दुखों  को झेलते झेलते

थके से आँसू 

कभी बिना रोक टोक के अविरल बहते ये आँसू 

कभी जोर जोर से विलाप करते ये आँसू 

कभी ख़ुशी का इज़हार करते ये आँसू 

आँसू चाहे जैसे भी हों

हर पल हमें अपनी दोस्ती का सबूत देते हैं ये आँसू 

कभी महसूस किया है इन आँसुओं को  ?


रेवा