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Sunday, June 5, 2011

चाहत

प्यार बहुत है तुझसे 
पर उसके साथ ये 
चाहत भी की 
तू भी मुझे 
जान से ज्यादा प्यार करे ,
हर सु मेरे 
आस पास बस
तेरा ही वजूद रहे ,
इतना ख्याल करे 
तू मेरा के 
कोई दर्द छु 
न सके मुझको , 
दूर रह कर भी 
एक दुसरे के 
एहसासों और सांसो 
मे  बसे रहे  ,
हम  मिल तो 
नहीं सकते  
पर बात किये बिना  
जी  भी न सके ,
मौत आये तो 
वो भी एक दूजे 
की इज़ाज़त 
ले कर   ..................

रेवा

3 comments:

  1. मौत आये तो
    वो भी एक दूजे
    की इज़ाज़त
    ले कर..........

    बहुत ही सुन्दर रचना :)

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  2. हम मिल तो
    नहीं सकते ,
    पर बात किये बिना
    जी भी न सके ,
    मौत आये तो
    वो भी एक दूजे
    की इज़ाज़त
    ले कर ..................
    Bahut sundar Kavita.. ekdam dil ki kahadi apne. hmm pyar me ase hi ahasash hota ha... Suvkamnayain.

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