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Friday, November 25, 2011

मुझे दे देना

अपनी हर शाम 
अपनी हर सुबह 
अपना हर लम्हा 
अपना हर पल 
अपनी हर ख़ुशी 
किसी और के नाम 
कर देना ,
पर अपना हर दुःख 
अपने हर आंसू 
मुझे दे देना ,
दुनिया की ज़रूरत 
दुनिया की
और मेरा लालच 
मेरा है

रेवा

Friday, November 18, 2011

वो कॉलेज के दिन

वो कॉलेज की सीढ़ी
का कोना  ,
वो मम्मी को 
जूठ बोलना , 
क्लास न होते 
हुए भी कॉलेज आना ,
घंटों बैठे रहना ,
उन घंटो मे
पलों का खो जाना ,
वो रातों को बातें करना 
मछछरों का काटना ,
रोज नज़रें बचा 
कर मिलना ,
वो मुलाकातें , वो बातें 
भुलाये नहीं भूलती 
वो दिन ,वो रातें .........


रेवा




Thursday, November 10, 2011

तुम्हारी आवाज़

आज तक बहुत कुछ 
लिखा है ,
तुम्हारे और 
अपने बारे मे ,
पर कभी 
तुम्हारे आवाज़ 
के बारे मे 
नहीं लिखा ,
शायद ये 
समझ ही नहीं 
पाई थी की ,
बिना मिले 
बस हर दिन 
तुम्हारी आवाज़ 
मुझे कितनी 
उर्जा ,कितना 
प्यार देती है ,
धीरे - धीरे 
ये आवाज़ 
कब मेरी 
ज़िन्दगी 
बन गयी ,
पता ही 
नहीं चला ..........


रेवा