Pages

Wednesday, September 26, 2012

प्यार की जीत

दिल और दिमाग में 
एक अजीब सी जंग 
चलती रहती है ,
दिमाग जो तुम्हे 
हमेशा गलत ठहराने 
की कोशिश करता रहता है ,
तुम्हारे प्यार और परवाह 
को मतलब से जोड़ता रहता है ,
पर ये दिल तुम्हे
हर इलज़ाम से बरी कर देता है ,
गर तुम्हारी कोई गलती भी हो 
तो उसे सही कर देता है ,
जंग चाहे कितनी भी हो 
कितनी ही दलीलें 
कितने भी अपवाद हों 
जीत तो आखिर 
हमारे प्यार की ही होनी हैं ..........


रेवा 



11 comments:

  1. उम्दा पंक्तियाँ ..
    भाषा सरल,सहज यह कविता,
    भावाव्यक्ति है अति सुन्दर।
    यह सच है सबके यौवन में,
    ऐसी कविता सबके अन्दर।

    ReplyDelete
  2. जीत तो आखिर
    हमारे प्यार की ही होनी हैं ________ Aameen

    ReplyDelete
  3. दिल से जुड़े लोग दिल से ही फैसला लेते हैं ...

    ReplyDelete
  4. दिल और दिमाग के बीच के द्वंद का सुन्दर चित्रण !!

    ReplyDelete
  5. दिमाग लगता कहाँ है जब दिल लग जाता है....
    :-)

    प्यारी पंक्तियाँ
    सस्नेह
    अनु

    ReplyDelete
  6. dil aur dimaag ki jang....behad khoobsurat rachna Rewa.....vasu

    ReplyDelete
  7. दिल और दिमाग की जंग हमेशा से ही रही है...और आगे भी रहेगी

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर ......जहाँ सच्चा प्यार है वहां जीत तो निश्चित ही है

    ReplyDelete
  9. दिल के आगे दिमाग की कोई हैसियत नहीं .... सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  10. rewa ...dil se dil tak ..bahut bahut khub

    ReplyDelete