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Sunday, March 3, 2013

एक 'थी' छोटी सी मिनी

एक 'थी' छोटी सी मिनी
मस्त ,अल्हड़ ,हर वक़्त 
ठिठोली करती ,
बदमाशी की नयी-नयी 
योजनायें  बनाती ,
दीदी और माँ को पटा कर 
खेलने भाग जाती ,
बात बेबात भाई से झगडती 
दोस्तों को परेशान करती ,
खेल मे नक़ल कर
हमेशा जीत जाती , 
दुनिया की तमाम 
उलझनों से बेखबर ,
अपनी ही सपनो की दुनिया 
मे जीती ,
पर पता नहीं था उसे की 
सपनो मे और हकीकत मे 
कितना फासला है ,
आज उसे देख कर 
कोई नहीं बोलता की  
वो वही है ,
न हंसती न सपने 
देखती है ,
बस चुप चाप अपनी 
दुनिया मे कैद 
अपने फ़र्ज़ को निभाने 
की कोशिश करती है .....

रेवा 



14 comments:

  1. Replies
    1. बस चुप चाप अपनी
      दुनिया मे कैद
      अपने फ़र्ज़ को निभाने
      की कोशिश करती है
      Badi मिनी ko
      Chhoti मिनी Ko
      Samajhaane men
      Aasaani hogi .... Plz tip ...........

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  2. लाज़वाब ...एसी मिनी हर घर मे मिल जाएगी ....हर एक को लगेगा की यह तो उसी की कहानी है

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  3. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  4. उम्दा


    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  5. जिंदगी, जिम्मेदारी का एहसास दिलाती रचना
    latest post होली

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  6. औरत होने की पीड़ा ...

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  7. har naari ke andar woh "minni" chipi hain waqt badalta hain uske sath risshte , jimmedariyaa sab badal jata hain or sath hi woh minni bhee . ..... bahut hi sachchi n pyari se abhivyakti

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  8. बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.

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