प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Tuesday, April 16, 2013
टुटा विश्वाश
मन टुटा
तन टुटा
टुटा है विश्वाश ,
न जाने फिर कब हो
जीने की आस ,
क्यों करते हैं लोग ऐसा
जाने क्या है बात ?
क्या उन्हें नहीं चाहिए
अपनों का साथ ?
नया ज़माना
नए लोग
नयी है उनकी सोच ,
टूटे काँच
कभी न जुड़ता
न जुड़ता विश्वाश /
चिन्तक परक बहुत सुंदर
ReplyDeleteमुश्किल होता है एक बार विश्वास टूट जाने पर फिर से जुड़ना ...बहुत सुन्दर लिखा आपने
ReplyDeleteखुबसूरत और सुन्दर अभिव्यक्ति...रेवा जी !
ReplyDeletebahut....khoob...
ReplyDeletevisit ''anandkriti''
http://anandkriti007.blogspot.com
अनुपम भाव ...
ReplyDeleteभावपूर्ण ....बधाई...
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