प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Friday, May 3, 2013
अनुपम संगम
एक मैं हूँ कि
दावा करती रहती हूँ
अपने प्यार का ,
और एक तुम हो
जिसने मुझे एक पल मे
पराया कर दिया ,
कितना अनुपम संगम है
मेरे अनुराग और
तुम्हारे विराग का /
बिल्कुल सच कह दिया
ReplyDeleteऐसा नहीं होता , प्यार में कोई पराया नहीं होता कोई मज़बूरी भी हो सकती है ....:)
ReplyDeleteVery well expressed,Reva.
ReplyDeleteVinnie
अद्धभुत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteGod Bless U
anurav aur virag dono barabar :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...........
ReplyDeletebahut badiya
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति,आभार.
ReplyDeletekhub bahut khub rewa ji
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर और मन की सच्ची बात कही है
ReplyDeleteबधाई
मेरे अनुराग
ReplyDeleteऔर.........
तुम्हारे विराग का
अद्भुत....
मेरा अनुराग...तुम्हारा विराग..बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
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