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Wednesday, October 30, 2013





तेरे प्यार से भरी
दीये कि रौशनी सी
चमकती हैं मेरी आँखें

रेवा 

1 comment:

  1. superb.

    दीवाली का पर्ब है फिर अँधेरे में क्यों रहूँ
    आज मैनें फिर तेरी याद के दीपक जला लिए

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