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Wednesday, December 31, 2014

माफ़ी नामा

साल के अंतिम दिन का
अंतिम सलाम
आप सब के नाम ,
माफ़ कर देना अगर
कभी किसी का
दिल दुखाया हो
बन कर अनजान ,
नए साल मे फिर
हम करेंगे
नयी शुरुआत ,
बस मान जाना मेरी ये
छोटी सी बात………

आप सबको नव वर्ष की ढेरो शुभकामनाएं

रेवा


Tuesday, December 23, 2014

असमर्थ आँखें


तुझे सोचते सोचते
न जाने कब
ये आँखें बहने लगी ,
दुःख से नहीं
शायद तेरे प्यार को
सम्भाल पाने मे
असमर्थ थी ,
इसलिए तो मोती बन कर
इज़हार करने लगी ,
मन तो हुआ के
अभी आकर
तुझे बाँहों मे भर लूँ ,
जानती हूँ नहीं कर सकती ऐसा
पर ख्यालों मे तो तुम्हे
अपने आगोश मे भर कर
प्यार कर सकती हूँ न ,
और अपने मोतियों से
तेरा  दामन
भर सकती हूँ न ..........

"मौसम की तरह नहीं हूँ
 मैं बेईमान ,
 तुझसे प्यार किया है मैंने
 तू है मेरी जान "

रेवा




Wednesday, December 17, 2014

रचनाकार की रचना


कागज़ पर सुनहरे
हर्फों से हम अपने
एहसास बिखेरते हैं ,
जो शब्दों द्वारा
दिल तक पहुँचते हैं ,
सृजन कर्ता के लिए
उसकी हर कृति
उसके बच्चे के समान होती है ,
जो उसके दिल के
बहुत करीब होती है ,
जैसे एक ही माँ के सब बच्चे
एक सामान नहीं होते
वैसे ही रचनाकार की रचना ,
पर कोशिश हमेशा रहती है
श्रेष्ठ लिखने की ..........

"एहसासों के मोती से
पिरोयी  है मैंने शब्दों की माला ,
प्यार भरी रचनाओं से
आला मैंने भर डाला "

रेवा

Friday, December 5, 2014

हँसी


दिखावे की हँसी
तो हर कोई हँस लेता है
पर जब मन हँसता है
तो वो हँसी आँखों मे झलकती है
और ढुलक जाती है
ख़ुशी बन कर ……
हर सुबह ऐसी ही
हँसी तुम्हे देने की कोशीश है .......
मुस्कुराता हुआ तेरा चेहरा
हथेलियों मे भर कर ,
ख़ुशी के फूलों से आँगन
मेहकाने की ख्वाइश है………

रेवा