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Wednesday, December 17, 2014

रचनाकार की रचना


कागज़ पर सुनहरे
हर्फों से हम अपने
एहसास बिखेरते हैं ,
जो शब्दों द्वारा
दिल तक पहुँचते हैं ,
सृजन कर्ता के लिए
उसकी हर कृति
उसके बच्चे के समान होती है ,
जो उसके दिल के
बहुत करीब होती है ,
जैसे एक ही माँ के सब बच्चे
एक सामान नहीं होते
वैसे ही रचनाकार की रचना ,
पर कोशिश हमेशा रहती है
श्रेष्ठ लिखने की ..........

"एहसासों के मोती से
पिरोयी  है मैंने शब्दों की माला ,
प्यार भरी रचनाओं से
आला मैंने भर डाला "

रेवा

14 comments:

  1. बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति...

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18-12-2014 को चर्चा मंच पर क्रूरता का चरम {चर्चा - 1831 } में दिया गया है
    आभार

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  3. खूबसूरत और भावपूर्ण अभिव्यक्ति

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  4. हुत कुछ तलाशती हुयी रचना है कमाल का शब्द संयोजन.... लाजवाब रचना...

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    1. shukriya sanjay...tumhare comments hamesha mujhe protsahit karte hain

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  6. बि‍ल्‍कुल सही कहा आपने

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