प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Friday, March 6, 2015
कोई और रंग
नहीं चढ़ता अब कोई और रंग
उस एक रंग के चढ़ने के बाद ,
चेहरे का रंग लाल हो गया
उसके एक स्पर्श के साथ ,
साँसें गुलाबी हो गयी
आलिंगन मे समाने के बाद ,
मैं राधा और वो कान्हा बन गया
इस प्यार की डोर के साथ !
बहुत सुंदर . होकी की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनई पोस्ट : मी कांता बाई देशमुख आहे
shukriya rajeev ji
Deleteabhar mayank ji....apko bhi holi ki dheron shubhkamnayein
ReplyDeletesach me ...preet ka rang hi aisa hota hai ...
ReplyDeleteshukriya Upasna ji
Deleteबहुत सुन्दर ,प्यार का रंग तो सदैव एक ही होता है चाहे वह कभी ही हो किसी से भी हो
ReplyDeleteShukriya
Deleteप्रीत का पक्का रंग नही उतरता ...सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeletebahut bahut shukriya
Deleteवाह, बहुत खूब
ReplyDeleteshukriya Onkar ji
DeleteSundar aur prasangik rachna...holi ki shubhkamnaye :)
ReplyDeleteshukriya Ankur ji...apko bhi holi ki dhero shubhkamnayein
Deleteराधा कृष्ण हो जाना ही नियति है जीवन की ... जितना जल्दी हो सके ...
ReplyDeleteसुन्दर भावमय रचना ...
Shukriya savan kumar ji
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