प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Monday, October 19, 2015
Wednesday, October 14, 2015
भिन्नरूप
शुरू हुए नवरात्र
आओ सब मिल पूजे
देवी शक्ति के
अनुपम रूप को ,
युद्ध कर जिसने
किया संहार दानव स्वरुप को .......
पर इस बार
चलो हम मनाये
इसके भिन्नरूप को ,
युद्ध करें अपने अन्दर
के दानवों से
औ उजागर करें अपनी
दैवीय शक्ति प्रतिरूप को .......
अगर करें आज हम सब
ये प्रण
तो सार्थक होगा
अपना ये जीवन ………
शुभ नवरात्र
रेवा
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