प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
Pages
▼
Tuesday, October 25, 2016
Saturday, October 15, 2016
अधूरी कविता
हम औरतें
कवितायेँ लिखते-लिखते
कब रसोई में जा कर सब्जी
बनाने लगती हैं
आभास ही नहीं होता ......
और ज़ेहन मे पड़ी
अधूरी कविता
पक जाती है सब्जियों के साथ ....
रात जब सोने जाती हैं
ख्वाबों में फिर बुनती हैं कविता
पर सुबह होते तक
कुछ शब्द ही रहते हैं
स्मृति में
जो
नाश्ते में परोस देती हैं सबको ........
दोपहर होते ही
हमारी अभिव्यक्ति फिर
नयी उड़ान भरने लगती है.......
पर कभी अपनी थकन में
कभी दिल की जलन में
हर बार
दब कर रह जाती है
कविता !!!!!