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Monday, May 8, 2017

सिन्दूर




जब से तुझसे
ब्याह हुआ
इस सिन्दूर से भी
रिश्ता जुड़ गया  ,
रोज़ सुबह इसे
अपनी मांग मे भरना
हमारे ब्याह की निशानी
मात्र नही
ये तो तुम्हारा प्यार है
जिसे रोज़ सुबह
मै
ख़ुद मे भर लेती हूँ ,
इसका लाल रंग
मुझे तुम्हारे साथ
बिताये
हर सिन्दूरी लम्हे की
याद दिलाता है ,
हर उस वादे की
जो हमने एक दूसरे से किया
और जिसे हम अब तक
निभाते आये  ,
हर उस दुःख की
जो हम साथ बाँट लेते हैं ,
हर उस सुकून भरे पल की
जो एक दूजे के पहलु
मे बिताते हैं ,
यही दुआ है
उस परवरदिगार से की
हर स्त्री के जीवन मे
प्यार की लाली
बरक़रार रहे !!!!!!!!


रेवा

10 comments:

  1. आदरणीय, चिरस्थाई प्रेम का सुन्दर वर्णन ,आभार "एकलव्य"

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  2. बहुत सुन्दर..

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11-05-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2630 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  4. बहुत सुन्दर

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