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Tuesday, January 28, 2020

पत्थर




सब अपनी अपनी
ज़िन्दगी जीते हैं 
अच्छी हो या बुरी 

मैं भी जी रही थी 
अपने हालात को
अपनी नियति मान
समझौता करते हुए 
हर मौसम एक सी 
रहते रहते
खुद को पत्थर ही 
समझने लगी थी

लेकिन अचानक एक दिन 
एक टिमटिमाते 
सितारे ने मेरी उंगली
थाम ली 
पहले उसने आसमान 
की सैर करवाई 
और फिर ले गया 
मुझे चाँद की दूधिया 
रौशनी के सफर पर 

उदासी हो या ख़ुशी 
या हो कोई मुसीबत 
वो सितारा मेरा माथा 
चूमता है और 
मुझे चाँद की 
रौशनी से भर देता है
कभी हकीक़त के 
तल्ख़ हवा से रूबरू 
करवाता है और कभी 
सपनों के आसमान में 
मेरा हाथ थामे 
निकल पड़ता है 
अनंत की सैर पर

पत्थर को मोम बनते 
देखा है कभी 
मैंने देखा भी है 
और महसूस भी किया है

#रेवा 

Friday, January 24, 2020

जल रहा है देश मेरा





जल रहा है देश मेरा
जल रहा है घर मेरा
इंसान को इंसान समझो
मज़हबों में न बांटो
वो बैठे हैं ऊँची कुर्सियों में
उनका मज़हब उनका धर्म
उनका ईमान बस
पैसा और कुर्सी
इसे समझो
ऐ कुर्सी वाले बख्श दो
देश के भविष्य को
बख्श दो हमारे बच्चों को
जिस देश में है बसेरा
चिड़ियों का उस देश को
गिध्दों का बसेरा न बनाओ
बहुत मुद्दे हैं देश के सामने
उनसे लड़ने के बजाय
लोगों को लड़वाना बंद करो
ये रक्त पात बंद करो
बंद करो बंद करो



Tuesday, January 21, 2020

बुक मार्क








उस रात मैं किताब पढ़ 
रही थी 
एक पन्ने पर आ कर 
ठहर गयी 
आगे बढ़ ही नहीं पाई 
बुक मार्क लगाया और 
सो गई 

उस पन्ने का हर शब्द 
हमारे इश्क़ को 
बयां कर रहा था 
जिसे पढ़ कर 
तुम्हारी याद 
बेतरह आने लगी 
बताओ ज़रा तुम्हारी 
यादों से आगे कैसे बढ़ जाऊँ 
कैसे यादों से भरे उस 
पन्ने को पलट दूं 

वो बुक मार्क लगी किताब 
आज भी उसी तरह 
पड़ी है मेरे साइड टेबल पर 
और तुम्हारी याद वैसे ही 
हमारे मिलने के तारीखों 
के बुक मार्क के साथ मेरे 
दिल पर....

#रेवा

Thursday, January 9, 2020

संतोष




जब मन उदास होता है
और तुम्हारा साथ नहीं
मिलता
तो तुम्हारे लिखे शब्द
पढ़ लेती हूँ

हर बार उन्हें पढ़ कर
चेहरे पर मुस्कुराहट
तैर जाती है
संतोष से भर उठता है मन
के दुनिया के एक कोने में
कोई है जो मुझे मुझसे बेहतर
जानता है
जो हर बार कुछ ऐसा महसूस
कराता है की जिंदगी से
प्यार हो जाता है
जिसका प्यार मुझे कमज़ोर
कतई नहीं करता
बल्कि
दोगुनी ताक़त से भर देता है
जानते हो
दुनिया कैसी भी हो
पर जब तक तुम जैसे
प्यार करने
वाले इंसान ज़िंदा है
दुनिया में अच्छाई और
इंसानियत कायम
रहेगी

रेवा 

Friday, January 3, 2020

नियंत्रण


गृहस्थी में भी और जिंदगी में भी अक्सर देखा गया है, नियंत्रित होने वाला और नियंत्रण करने वाला इन दोनों का जीने का एक तरीका बन जाता है।
पर ये भी तो एक चक्र की तरह है न जब सालों बाद, यही उल्टा होता है तो रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है। क्योंकि नियंत्रण करने वाले को आदत जो है अपने तरीके से नियंत्रण करने की।
पर अब नियंत्रित होने वाला उसे और ले नहीं पाता और विद्रोह कर देता है। मन से नियंत्रण करने वाले का बुरा न चाहते हुए भी हर बार चोट करता है और सुकून महसूस करता है।
रिश्ते टूट जाते हैं या फिर ख़ामोश हो जाते हैं,
पर नियंत्रण करने वाले का बदलना नामुमकिन सा लगता है। चाहे वो नियंत्रित करने वाले को
प्यार ही क्यों न करता हो, उसका अहम उसे बदलने से रोकता है और सुंदर रिश्ते की मौत तब निश्चित हो जाती है।

#रेवा