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Friday, March 20, 2020

डरपोक औरतें


समाज के कुछ तबकों को
औरतों से इतनी नफ़रत है कि वे
अनेकों घृणित नामों से
उसे नवाज़ते हैं
कभी रखैल, कभी वैश्या
तो कभी बदचलन
सोचती हूँ मैं
अगर मर्द होते ही नहीं
तो इन नामों का
कोई मतलब ही नहीं रह जाता
इन नामों से
सिर्फ औरतों को ही
इसलिए जोडा़ जाता है
कि औरतें
प्रतिशोध से परे हैं
लाज का दही
मुँह पर जमाये फिरती हैं
इसी तबके के लिये
इन्हीं तबकों में से
इन्हीं मर्दों के लिये भी
भंड़वे, बदजा़त
और ज़नमुरीद जैसे शब्द भी हैं
लेकिन नहीं करतीं इस्तेमाल
इन शब्दों को
ये खुदगर्ज, मनहूस
और डरपोक औरतें

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