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Thursday, September 30, 2010

अभी बाकी है

कई बार सोचा की कुछ ऐसा लिखूं ,
जो प्यार की परकाष्ठा को बयां कर सके ,
या मन मे भरे दर्द का एहसास करा सके
ऐसा कुछ जिससे मन द्रवित हो ,
आँसू बहाने पर मजबूर हो जाये ....
पर हर बार नाकाम रही ,
शायद अभी प्यार की उस ऊंचाई तक पहुँचना  बाकी है ,
शायद उतने दर्द को महसूस करना अभी बाकी है ,
शायद प्यार मे मरने का ,
और दर्द मे जीने का स्वाद चखना अभी बाकी है ..................

रेवा

Sunday, September 26, 2010

बेटियों का दिन

आज DAUGHTERS DAY के दिन , मै सभी बेटिओं को बहुत बहुत बधाई देती हुं

भगवान करे उन्हें अपने जीवन के हर छेत्र में सफलता मिले .......और हाँ हम सारी

माँओं को भी बधाई ...क्योकि हम भी किसी की बेटी हैं.............


रेवा

Wednesday, September 22, 2010

तेरा साथ

मेरे हर पल मे तू समाया है
ये मै जानती हूँ और तू भी मानता है 
कि मेरी हर एक कविता में तेरा साया है
कविता के हर शब्द मे तुने प्यार बसाया है,

ये जज्बात , ये एहसास , 
ये चंदा और चाँदनी सा प्यार 
तुने ही सिखाया है,

फूलों और खुशबुओं की बातें , 
ख़्वाबों से भरी रातें 
तुने ही दिखाया है,

दुरी मे नजदीकी 
कभी न मिलते हुए भी इतना प्यार 
तुने ही महसूस कराया है,

हर पल , हर लम्हा तू मेरे साथ है ,
मेरे हर सही गलत फैसलें मे तेरा हाँथ है 
ये तुने ही विश्वाश दिलाया है,

अब ज़िन्दगी के अंतिम समय तक 
हमारा प्यार बना रहेगा , ये
विश्वाश मैंने पाया है ............


रेवा

Monday, September 20, 2010

मेरी बेटी

प्यारी सी दुलारी सी मेरी बेटी

घर भर मे उछलती कूदती मेरी बेटी

हर वक़्त शोर मचाती ,
अनगिनत बातें करती मेरी बेटी

मेरी आँखों का नूर मेरे दिल का सुकून मेरी बेटी

अपने प्यार से मुझमे नयी उमंग भरती मेरी बेटी

मेरे हर दुःख , 
हर खुशी को समझने की कोशिश करती मेरी बेटी

मेरा बचपन मुझे दिखाती मेरी बेटी

धीरे धीरे बड़ी होती , 
मेरी सहेली बनती मेरी बेटी

एक दिन डोली में बैठ कर,
किसी और के घर का उजाला बन जाएगी मेरी बेटी

जीवन के हर मोड़ पर तुम्हे ख़ुशी और सफलता मिले मेरी बेटी



एक माँ (रेवा)

Sunday, September 5, 2010

कुछ कवितायों की कलियाँ

१.ना वादों से ना यादों से
प्यार करती हुं तुझे सांसों से
इन सांसों की लड़ी तोड़ न देना
मुझे कभी छोड़ न देना ...........

२.हवा क्यों बहती है तेरे बिना
बारिश क्यों होती है तेरे बिना
सांसें क्यों चलती है तेरे बिना
मौत क्यों नहीं आती है तेरे बिना

३.ना किसी का इंतज़ार है अब
हम गुमनामियों में खो गयें है अब

न ख़ुशी है न गम है
बस तन्हाई है हर तरफ

४.तेरी बेरुखी ने ये काम किया है
कुछ और आसुओं को मेरे नाम किया है

रेवा