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Sunday, September 5, 2010

कुछ कवितायों की कलियाँ

१.ना वादों से ना यादों से
प्यार करती हुं तुझे सांसों से
इन सांसों की लड़ी तोड़ न देना
मुझे कभी छोड़ न देना ...........

२.हवा क्यों बहती है तेरे बिना
बारिश क्यों होती है तेरे बिना
सांसें क्यों चलती है तेरे बिना
मौत क्यों नहीं आती है तेरे बिना

३.ना किसी का इंतज़ार है अब
हम गुमनामियों में खो गयें है अब

न ख़ुशी है न गम है
बस तन्हाई है हर तरफ

४.तेरी बेरुखी ने ये काम किया है
कुछ और आसुओं को मेरे नाम किया है

रेवा

5 comments:

  1. Aap hamesha khush rahe yahi dua mangati hun..birah ki vedna na mile...

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  2. १.ना वादों से ना यादों से
    प्यार करती हुं तुझे सांसों से
    इन सांसों की लड़ी तोड़ न देना
    मुझे कभी छोड़ न देना ...........kitna sundar likhti hain aap!

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  3. bahut hi umdaah rachna....
    khubsurat panktiyaan...
    तेरी बेरुखी ने ये काम किया है
    कुछ और आसुओं को मेरे नाम किया है
    bahut khub.......badhai...
    ----------------------------------
    मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
    जरूर आएँ..

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  4. अच्छी लगी आपकी कवितायें - सुंदर, सटीक और सधी हुई।

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