Pages

Wednesday, March 16, 2011

मै क्या करू ?

आँखों के रास्ते जब
एहसास बहने लगे
तो मै क्या करू ,

धड़कने जब
अपनी गति भूल कर
तेज होने लगे
तो मै क्या करू ,

मेरी बाहें जब
तेरे गले  का हार
बनने को तरसे
तो मै क्या करू ,

मेरी साँसों को जब
तेरे आगोश मे ही
सुकून मिले
तो मै क्या करू ,

मै जब
बस तुझमे ही
सामना चाहू
तो मै क्या करू ,

हर तरफ बस 
तू और तेरी खुशबू 
बिखरी रहे 
तो मै क्या करू ,

इन प्यार भरे           
एहसासों को जब 
तू महसूस
ही न कर पाए
तो मै क्या करू ?


रेवा

          

15 comments:

  1. मै जब
    बस तुझमे ही
    सामना चाहू
    तो मै क्या करू
    इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....

    ReplyDelete
  2. होली की सपरिवार रंगविरंगी शुभकामनाएं |
    कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका

    ReplyDelete
  3. sanjayji dhanyavad....apko bhi holi mubarak....koi baat nahi

    ReplyDelete
  4. ओह्ह्ह !!! क्या खुबसूरत एहसास पिरोये हैं कविता में...
    बहुत खूब...
    होली की ढेर सारी शुभकामनाएं...

    ReplyDelete
  5. shukriya Shekhar ji......apko bhi holi ki dhero shubkamnayein

    ReplyDelete
  6. " log kahan samjh paate hein apne hi dil mey chupi baaton ko ,
    kamaal ka jajba hey yh tere 'pyaar' ka teri dil-ki-dhadkan mein ,
    jab bhi chaha apne dil-ki-chalnni mey chana paya hey ISKO tune!

    Bahut bahut sundar likha hey Mini, kis beauty-parlour mey jane lagi ho jo itna nikhaar aa raha hey ............. lol

    Dadu !

    ReplyDelete
  7. hahahaha dadu....thanx for such nicee comments....

    ReplyDelete
  8. क्या खुबसूरत एहसास पिरोये हैं कविता में|धन्यवाद|

    ReplyDelete
  9. Bahut sundar rachna apnki...waha! apki har rachna me kuch na kuch naya aur dil ke karib hota hai.....

    ReplyDelete
  10. KABHI KABHI AAISI BATE SUN KAR LAGTA HAI MAI KYA KARU

    THANKS ALOT FOR SHAIRING YOUR FEELINGS
    SUBEDAR YADAV
    ASSTT. PROFESSOR

    ReplyDelete
  11. ye rat ye tanhai ye gungunate tare
    ye yado ka manjar bus tujhko pukare
    .................

    ReplyDelete