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Tuesday, April 19, 2011

मृगतृष्णा

गुलबिया का ब्याह हुआ
डोली चढ़ी तो ,
उसकी आकांक्षाओं
को पर लग गए,
हर लड़की की तरह
उसका भी सपना था की 
उसे  दुनिया में 
सबसे ज्यादा
प्यार करने वाला
और ख्याल रखने वाला
जीवन साथी मिले ....

पूरे दिल और पूरी
सम्पूर्णता से
वो अपने आप को
न्योछावर करती चली गयी ...
पर न पा सकी प्यार,

उसे लगता की
क्या ये बस कहने
सुनने की बात है ?
या बस किताबों
और फिल्मों  तक ही
सिमित है,
उसके दिल में बस
एक ही प्रश्न है

कितने जन्मों तक
तक ऐसा प्यार
पाने का इंतज़ार
करना होगा ?
या फिर ये
सिर्फ उसकी
मृगतृष्णा है .......


रेवा

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