Pages

Friday, September 2, 2011

एक प्रशन ?

एक प्रशन है 
जो मुझे बार-बार 
सताता है ,
क्या रिश्ते 
फूलों की तरह 
होते हैं ?
खिलते हैं
कुछ समय 
के लिए ,
फिर मुरझा 
जाते हैं /
चाहे जितना भी 
खाद , पानी डालो 
पर वो हमेशा 
खिले नहीं रह सकते ?




रेवा 




9 comments:

  1. Zyadatar rishte aise hee hote hain!

    ReplyDelete
  2. रेवा जी,
    सुन्दर और यथार्थपूर्ण रचना..
    आज के दौर में रिश्ते सचमुच में ऐसे ही हो गए हैं, बस स्वार्थ के रिश्ते रह गए हैं, किसी भी रिश्ते में यदि दोनों तरफ से खाद और पानी डाला जाए तो शायद उस रिश्ते तो उम्र लम्बी हो !

    ReplyDelete
  3. बहुत खूब
    सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  4. बहुत प्यारे अहसासों को शब्द दिए है आपने
    बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
  5. sanjay ji shukriya..apke comment ka intezar rehta hai

    ReplyDelete
  6. rishtey phoolo jaise kuch samay k liye murjhatey hai par fir nayi taazgi leke aa jatey hai
    bas agar ek sorry mangey to dusre ko smile kare...

    ReplyDelete
  7. very gud quation
    but ristoy ka kam hai khilna or murjana use sambhal rakho

    ReplyDelete
  8. very gud quation
    but ristoy ka kam hai khilna or murjana use sambhal rakho

    ReplyDelete