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Friday, September 23, 2011

तारे

पिछले कुछ दिनों मे
आकाश मे टिमटिमाते 
तारों की भाषा पढ़ने
की कोशिश की,
तो पाया की ये 
हमे कितना कुछ 
सीखाते हैं रिश्तों
के बारे मे,
कितने अनगिनत 
तारे एक साथ 
रहते हैं 
उस नीले असमान पर
बिना लड़े झगडे ,
बस टिमटिमाते 
रहते हैं /
दो प्रेमियों की तरह 
एक दुसरे से 
प्यार करते ,
एक दुसरे को सदा 
देखते रहते हैं,
पर कभी एक दुसरे 
से मिल नहीं पाते,
न कभी इसकी 
शिकायत ही 
करते हैं किसी से,
बस 
प्यार करते रहते हैं ,
ध्यान से देखो उन्हें 
और जीवन को 
प्यार से जगमगाते 
रहो ...........

रेवा 


9 comments:

  1. Sach hai! Hamne qudrat se kitna kuchh seekhna chahiye!

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  2. वाकई ,सीख पाते तो अच्छा रहता ..

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  3. kshama di shukriya.....rekha ji bahut bahut shukriya

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  4. बहुत ही शानदार रचना है....लाजवाब

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  5. सुन्दरता से लबरेज एक उत्तम प्रस्तुति :

    एक दुसरे को सदा
    देखते रहते हैं,
    पर कभी एक दुसरे
    से मिल नहीं पाते,
    ........प्यार करते रहते हैं !

    सच में ! प्यार हो तो ऐसा हो !!

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  6. thoda thoda ladna b zarur chahida ha
    warna bade kaise hoge bolo
    ma to ladaii karuga

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  7. bhai...aaj akhir aa hi gaye yahan....sahi hai ladai bhi jaroori hai

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