Pages

Tuesday, February 26, 2013

सीधी सरल दुनिया



अल्फाजों को तौलना
लफ़्ज़ों से खेलना 
नहीं आता मुझे ,
सीधे तरीके से 
बात सामने रखना
आदत है मेरी   ,
प्यार और सपनों
से भरी मेरी आंखें ,
सादगी मेरा गहना
सरलता श्रृंगार है ,
आडम्बर और दिखावे
से दूर ,
अपनी सीधी सरल
दुनिया है मेरी ,
पर कहाँ अच्छी लगती है
लोगों को ऐसी दुनिया  ,
इसलिए शायद बहुत अकेली रह
गयी /

रेवा












6 comments:

  1. सादगी मेरा गहना सरलता श्रंगार है (सबसे सुंदर दुनिया है
    शुभ कामनाएं )

    ReplyDelete
  2. एक अकेली
    क्यों है अकेली
    शायद शब्दहीन है
    या.....वो
    अर्थहीन भी हो सकती है
    पर है तो वो
    अकेली....
    पता नहीं मैं भी ना
    क्या टाईप कर बैठी
    सादर

    ReplyDelete
  3. वो ही तो नारी की महानता है सरलता , और हर बात को इशारों में ही समझना ही तो नारी की पहचान है अकेली आप नहीं अकेली ये दुनिया हो रही है आप जैसी नारियों से ऐसी भावनाओ की कमी बहुत है अकेली आप नहीं वो आडम्बर , दिखावा .छल , कपट है जिसे आप अपने पास पटकने तक नहीं देती है
    मेरी आज की नई रचना जिसे आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार है

    ये कैसी मोहब्बत है

    ReplyDelete
  4. बहुत ही सादगी की प्रस्तुतीकरण,आभार आदरेया.

    ReplyDelete
  5. सरल और सुंदर अभिव्यक्ति .....
    आप भी पधारो आपका स्वागत है ...
    http://pankajkrsah.blogspot.com

    ReplyDelete