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Wednesday, March 13, 2013

खास होने का एहसास

बात तो लगभग
रोज़ ही होती है तुमसे ,
पर कभी कभी ऐसी
कुछ बात हो जाती है की,
मन  मे एक अजीब सी हलचल
दिल मे गुदगुदी सी
होने लगती है ,
और तब लगता है
मैं हूँ
बिन पंख लगाये
मैं भी आकाश मे
उड़ने का अनुभव
कर सकती हूँ ,
खिली खिली धुप मे भी
सावन की पहली फुहार सा
महसूस कर सकती हूँ ,
ये सिर्फ किताबी बातें नहीं
"प्यार " सच मे हमे
खास होने का एहसास दिलाता है !

रेवा



13 comments:

  1. प्रेम में इंसान वो हो जाता है जो कभी नहीं होता ...
    नए पण का एहसास दिलाती ... सुन्दर रचना ..

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  2. बहुत ही सुन्दर अहसास दिलाती रचना,आभार.

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  3. हर पल के अहसास को उकेरती आपकी ये अहसास मय रचना
    सच में इन अहसासों की बड़ी ही अजीब दास्ताँ है बड़े निराले होते है ये अहसास

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  4. ये सिर्फ किताबी बातें नहीं "प्यार " सच मे हमे खास होने का एहसास दिलाता है !!
    सच !!

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  5. प्रेम के कोमल अहसासों को जीवंत करती बहुत भावमयी रचना..

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  6. प्रेम के अहसास से भरपूर

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  7. कोमल एहसास...सुंदर अभिव्यक्ति !!

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  8. प्यार के कोमल एहसास को बहुत खूबसूरती से उकेरा है आपने....रेवा जी !

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  9. एकदम सटीक और सार्थक प्रस्तुति आभार

    बहुत सुद्नर आभार अपने अपने अंतर मन भाव को शब्दों में ढाल दिया
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    एक शाम तो उधार दो

    आप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे

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  10. Antim panktiyaan bahut achchi lagi. Khas hone ka ehsaas .........just loved it.

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