प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
चिन्तक परक बहुत सुंदर
ReplyDeleteमुश्किल होता है एक बार विश्वास टूट जाने पर फिर से जुड़ना ...बहुत सुन्दर लिखा आपने
ReplyDeleteखुबसूरत और सुन्दर अभिव्यक्ति...रेवा जी !
ReplyDeletebahut....khoob...
ReplyDeletevisit ''anandkriti''
http://anandkriti007.blogspot.com
अनुपम भाव ...
ReplyDeleteभावपूर्ण ....बधाई...
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