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Thursday, June 27, 2013

net chatting

नेट पर बात करना क्या गुनाह है , शायद हम औरतों को ऐसा नहीं करना चाहिए ..........अनजान लोगो से तो बिलकुल भी नहीं / आप शादी शुदा हो सामने वाला भी है ,फिर भी लोग फ़्लर्ट करने से बाज़ नहीं आते ,
मेरी सहेली को मेरे ही friendlist से किसी ने रिक्वेस्ट भेजा , उसने ऐड कर लिया ,उसे लगा मैं जानती हूँ तो अच्छा ही होगा , दो दिन की बातों मे ही उस बन्दे ने फ्लिर्टिंग करनी शुरू कर दी , फिर आखिर उसने उसे  unfriend कर दिया ,फिर मुझे सारी बात बताई / ऐसा पहले मेरे साथ भी हुआ था , मुझे इन सब के पीछे मानसिकता समझ नहीं आती /

11 comments:

  1. मानसिकता समझने में समय क्यूँ बर्बाद करना .....
    आभासी दुनिया में ये अच्छी बात है न कि हम जिसे पसंद नहीं कर रहे उसे ब्लॉक करा दें....
    झंझट खत्म .....
    सच्ची अभिव्यक्ति
    हार्दिक शुभकामनायें

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  2. bahut hi kam logo se maine chating ki hai ..purusho me bhi ek ya do mahilaaon me bhi do ya tin ..chating keval ..kaese ho ,namskar ..aadi tak hi simit rahe to achchha hai ..aur bahut mahtvpurn baato ke liye bhi chating upyukt hai ..mera aesa maananaa hai ..

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  3. कभी- कभी..
    या ये कहें कि हरदम
    पुरुष वर्ग की
    अभिलाषा यही रहती है
    कि उसकी महिला मित्र
    उसके मजाक(घटिया बातों) को सहे
    मैं स्वयं कइयों को ब्लाक कर चुकी हूँ
    और इसे तब तक सहना पड़ता है
    जब तक अच्छे (रुचि परक) मित्र न मिल जाए

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  4. आपने सच लिखा,संसार में सभी प्रकार के लोग हैं,कुछ जानबूझकर मजे लेने के लिए करते हैं कुछ एकाएक बहक जाते हैं.अच्छे लोग भी बहक जाते हैं,इतिहास साक्षी है.वास्तव में आवश्यकता है सावधानी की.

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  5. sahi likha hai Rewa aapne aur sath hi aur sabhi ke comments me bhi ye hi dikhai pada hai. Mera kuch samay pahle ka experience kuch bahut ajeeb sa hua tha. ek mahila (pata nahi wo mahila thi ya purush). net pe dosti ki unhone apne aap ko beemar bata kar sahanubhuti batori. fir unhone ek aur naam se profile khola aur mujhe harrass karne lagi.unk mansikta nahi samjh aayi. that was a real bad experience.

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  6. आभासी दुनियां में सभी तरह के लोग हैं..अगर सामान रूचि के सही और गंभीर प्रकृति के मित्र हों तो चैट करने में कोई बुराई नहीं..

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  7. फालतू और घटिया मानसिकता वाले लोग ही ऐसी हरकतें करते हैं |

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  8. अफ़सोस होता है ऐसी मानसिकता पर। रिश्तों में मानवीय मूल्य घटते जा रहे हैं ...

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  9. सही कहा ...सोशल नेटवर्किंग में महिलाओं के साथ ये दिक्कत बहुत ज्यादा है ..पता नहीं क्यों हर पुरुष उसे अपनी मिलकियत समझने लगता है कि वो जैसा कहेगा...वो उसे चुप करके सुनेगी या मानने लगेगी ....पता नहीं पुरुषों की ये मानसिकता का बदलेगी ????

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