मुझे ख़ामोशियों से प्यार हो गया है
क्युकी वोही तेरी जुबान है
और अब मैंने उनसे
बात करना सीख लिया है,
नहीं करुँगी अब कोई
शिकवा शिकायत
तेरी चुप्पी मे अपने लिए
प्यार देखना सीख लिया है ,
बार बार नहीं पूछूँगी
तेरी उदासी का सबब
तेरी आँखों मे छुपी
उदासी पढना जो सीख लिया है ,
नहीं करुँगी अविश्वाश
तुझ पर
तेरे मूक एहसासों को
महसूस करना जो सीख लिया है
रेवा
hridsparshee bhavabhivyakti
ReplyDeleteTrue description.
ReplyDeleteVinnie
सुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीया-
दिल को छूती रचना
ReplyDeleteअगर कल्पना है तो
कोई बात नहीं
चिंता करना सीख लिया है
हार्दिक शुभकामनायें
बहुत अहसासमयी और संवेदनात्मक रचना और चित्र जो आप लगाती है बिलकुल तुलनात्मक । ऐसा लगता है आप नहीं चित्र मे बैठी औरत ये सोच रही है
ReplyDelete।
शिव प्रकाश मिश्रा
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [02.09.2013]
ReplyDeleteचर्चामंच 1356 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
shukriya didi
Deleteख़ामोशियों बातें करना सीख लिया है,
ReplyDelete(Waah,
Jisne Ye Hunar Seekh Liya, Wo Wastav
Me Jeena Seekh Liya....Aaj Is Bhautik Wadi Daur Me Koi Kisi Ka Apna Nahi,
Aise Me Hum Sabka Sachcha Saathi
Sirf Or Sirf Apni Parchhai Or Tanhai Hi Hai)
प्यार देखना सीख लिया है
(Waah, Kamaal Ki Nazar, Bahut Zaroor Hai Ye Nazar Pana)
उदासी पढना जो सीख लिया है
(Kahan Hai,... Aaj Aisa Gyan Kisi Ke Paas, Kashhh Kashhh Sabhi Ko Mil Jaye)
महसूस करना जो सीख लिया है
(Jeevan Ke Saare Khel Yahi ''Ehsaas'' ''Jazbaat'' Or ''Mehsus''
Hi To Khelte Hain.....)
Sundar Rachna
Jeevan Me Istemaal Hone Wale....
Sabse Zaroori Shabdon Ke Saath.
Bahut Bahut Badhai.
रेवा जी,आपने खामोश प्यार और मूक एहसास के मिलन
ReplyDeleteके बीच के घटित पलों की सुंदर प्रस्तुति की है,बधाई.
बहुत ही खूबसूरत रचना |प्रेम पर इतना खूबसूरत ब्लॉग ,अभी तक नही मिला हरेक रचना लाजवाब हैं |
ReplyDelete*********
फ़कत निगाह से . होता है फैसला दिल का ;
न हो निगाह में शोखी , तो दिलबरी क्या है
इकबाल
bahut khoob Rewa....har kavita mann ko chhu jati hai.
ReplyDeleteबहुत उम्दा मनभावन प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST : फूल बिछा न सको
SUPERB
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर ,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteकृपया यहाँ भी पधारें और अपने विचार रखे
, मैंने तो अपनी भाषा को प्यार किया है - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः11
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति....
ReplyDelete:-)
बहुत ही सुन्दर मनमोहक प्रस्तुती,धन्यबाद।
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteबेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना , लेकिन सामने वाला ज्यादा भाव खाने लगता है अगर उसे समझने लग जाओ
ReplyDeleteये असर प्रेम का होता ही की किसी की हर चीज़ अच्छी लगने लगती है ...
ReplyDeleteभाव प्रधान रचना ...
khubsurat pyar.... sundar bhaw :)
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