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Thursday, September 5, 2013

शिक्षक दिवस और मेरे पापा


आज शिक्षक दिवस के दिन
अपने तमाम गुरुजनों के
साथ साथ मैं अपने सबसे बड़े गुरु
अपने पिता को नमन
करना चाहती हूँ ,
जीवन दान और कन्यादान के
साथ साथ जिंदगी
जीने का ज्ञान भी उन्होंने दिया ,
समाज मे सर उठा कर
जीने का सम्मान उन्होंने दिया ,
खाना बनाने से लेकर
हर छोटी बड़ी चीजों का
ज्ञान उन्होंने दिया ,
सदा मेरी सूरत देख कर
मेरी समस्यों का
निवारण उन्होंने किया ,
९ साल की छोटी सी उम्र मे
अपने माता पिता
और भाइयों को खोकर भी
जीवन से हार माने बिना ,
अपना बिज़नस खड़ा किया
और अपने परिवार का
भरन पोषण किया ,
आज वो इस दुनिया मे नहीं हैं
पर हर पल उनका
आशीर्वाद मेरे साथ है ,
पलकें भीगती जरूर है
उन्हें याद करके
पर चहरे पर फिर भी मुस्कान
बनी रहती है ,
मैं आज इश्वर से बार बार
ये कामना करती हूँ की
भगवान ! उनके जैसा गुरु
सबको दे।

"पापा मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ "

रेवा


12 comments:

  1. रेवा जी आपकी कविता काफी मार्मिक है । सद्गुरु की दरकार सभी को होती है , हमारे पिता जी भी हमारे लिए सबसे बड़े गुरु थे , जो उन्होने सिखाया मानस पटल पर आज भी ताजा है । आपको आपकी रचना हेतु शुभकामनायें ।

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  2. सुन्दर प्रस्तुति -
    शुभकामनायें -

    आदि गुरु को सादर नमन -

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  3. एक सुन्दर कोमल और उत्कृष्ट
    अभिव्यक्ति आपकी ''रेवा'' जी।
    माँ-बाप से बढ़कर और कौन गुरु हुए हैं।

    सुन्दर बेहद सुन्दर जज़्बात। बधाई
    साथ ही बाबूजी को नमन

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  4. नमन उन्हें!

    ऐसे ही होते हैं पापा...

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  5. सुंदर अभिव्यक्ति / :)

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  6. पिता के प्रति समर्पित भाव .... सुंदर प्रस्तुति

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  7. बहुत सुन्दर भाव , सादर नमन बाबूजी को

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  8. This comment has been removed by the author.

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  9. माँ-पिता सबसे पहले और सबसे बड़े शिक्षक हैं |

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  10. नमन पिता जी को और सभी गुरुजन को भी
    दिल से निकली बात पर क्या कहूँ .....।
    हार्दिक शुभकामनायें

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  11. नमन उन्हें ...

    शिक्षक दिवस की शुभकामनायें...

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