सिर्फ एक दिन के लिए
तुम आये
और तुमने महका दिया
मेरा तन मन
हमारा घर आंगन ,
अब जबकि तुम पास
नहीं हो
तो तुम्हारी खुशबू
तुम्हारा वजूद
हर तरफ महसूस
हो रहा है ,
ये हमारे साथ
हमारे प्यार और भरोसे
का इम्तेहान है ,
ये भी निकल जायेगा
और फिर हमारी
प्यार भरी बगिया
दुबारा मुस्कुरा उठेगी।
रेवा
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
वाह, खूबसूरत
ReplyDeleteये हमारे साथ
ReplyDeleteहमारे प्यार और भरोसे
का इम्तेहान है
दुआ करुँगी कि अव्वल आओ
समय का कोई पल स्थाई नहीं होता
बहूत अछा
Deleteबहुत ही खुबसूरत अभिव्यक्ति |
ReplyDeletelatest post महिषासुर बध (भाग २ )
वाह, खूबसूरत
ReplyDeleteये हमारे साथ
हमारे प्यार और भरोसे
का इम्तेहान है
mayank ji bahut bahut shukriya...abhar
ReplyDeleteUpasnaji bahut bahut shukriya apka
ReplyDelete.बेहतरीन अंदाज़.....
ReplyDeleteबेहतरीन, सुंदर रचना !
ReplyDeleteRECENT POST : - एक जबाब माँगा था.
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteदिल की बात दिल तक....
:-)
najuk se bhaav liye sunder rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen
जिंदगी मे अच्छे पल एक बार ही आते हैं...हम सहेज लेते हैं वो पल...उम्र भर के लिए
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता ,,, बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया..
ReplyDeleteमुसाफिर लौट के जरूर आते हैं ... फिर खिल जाती बगिया प्रेम की ...
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ReplyDeleteहमारे प्यार और भरोसे
का इम्तेहान है ,
ये भी निकल जायेगा
और फिर हमारी
प्यार भरी बगिया
दुबारा मुस्कुरा उठेगी --------
वाकई प्रेम कई कई बार परीक्षा लेता है
सहजता से कही गयी प्रेम की गहरी बात
बहुत सुंदर
सादर