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Sunday, December 8, 2013

जुदाई के पल




आज जब मैंने तुमसे बात की
तो मैं रो पड़ी
क्युकी कुछ महीनों के लिए
तुम दूर जो हो मुझसे ,
पर तुम हँस पड़े
और कहा ,
"दूर कहाँ
हमेशा तो मैं तुम्हारे साथ हूँ
तुम्हारे दिल मे ,
बस उस साथ को
महसूस करो ,
जुदाई के
एक एक पल को
हमारे प्यार से
इस कदर भर दो की
जब हम पीछे मुड़
कर देखें
तो हमारा मन
हमारे प्यार और संयम
को देखकर
दुगुने प्यार से भर उठे "
क्या बताऊँ तुम्हे की
तुम्हारी इन बातों को सुन कर
सारा गम
आँसू  बन कर बह गया
और रह गया बस प्यार।


रेवा 

14 comments:

  1. वाह...ऐसे प्यार पे कुर्बान जाऊं.... बहुत सुन्दर भाव

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  2. bahut khubsurt pyar le pal ....man se dur nahi to tan se duri kya mayne rakhti hai ...bahut sundar

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  3. तन से दूर जितने
    मन से तो पास हो....
    बहुत ही सुन्दर रचना ...
    :-)

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  4. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने..

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  5. Waah Bahin Waah
    Bahut Sundar Ehsaason Ka Tana-Bana. Sundar Jazbaati Rachna.

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  6. Saral shabdon mei bahut Sundar abhivyakti hai . . . . .

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  7. बहुत सुन्दर रचना रेवा -बहुत बधाई

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  8. बहुत सुन्दर रचना रेवा -बहुत बधाई

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