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Tuesday, January 31, 2017

प्यार भरी किताब



लिखा जब भी
मैंने खुद को ........
मेहसूस किया
इस कागज़ ने
तब मुझको ,
लिखे जब
दर्द भरे अल्फ़ाज़
इसके दिल पर ,
तकलीफ़ इसे भी हुई
शब्दों से मिल कर ,
जब  हुई इसकी
मुलाकात
मेरे आँसुओं के साथ

स्याही
ने भी बिखर कर
किया एहसास ,

पर अब बस
बहुत कर लिया
हमने दर्द का सफ़र 

आज से ये वादा है 
एक दूजे के साथ की 
अब हम मिलकर लिखेंगे 
सिर्फ प्यार भरी किताब !!!!



रेवा  

Commen

Tuesday, January 24, 2017

अजनबी आवाज़





इतने सालों के साथ
और प्यार के बाद ,
आज एक अजीब सी
हिचकिचाहट
महसूस हो रही है ,

तेरी  वहीँ
रूहानी आवाज़
जिस पर मैं मरती हूँ
अजनबी सी
लगने लगी  ,

समझना नामुमकिन
सा हो गया है की
ऐसा क्यों
क्या मेरी सोच मे
फर्क आ गया  !
या हालात ने करवट
बदल ली ..............

"जैसे भी हों हालत-ओ -जज़्बात
रिसते हैं दिल के ज़ख्म
बन कर एक अनकही फरियाद "

रेवा

Wednesday, January 11, 2017

मुझे रहने दो






मुझे रहने दो मेरे घर मे अकेले
ये बखूबी जनता है मेरे मिज़ाज
जब भी ख्याल बिखरते हैं
बटोर कर सहेज लेता है उन्हें
सजा देता है करीने से अलमारियों मे
ताकि झाड़ू बुहार न ले जाये उन्हें
मुझे रहने दो मेरे घर मे अकेले ,

भरी बरसात मे और गर्म दुपहरिया मे
माँ की तरह देखभाल करता है मेरी
धूप और तूफान के हर कतरे
को रखता है दूर मुझसे
ताकि महफूज़ रह सकूँ
मैं उसके साये मे .............
मुझे रहने दो मेरे घर मे अकेले।

रेवा


Monday, January 2, 2017

दिल की चाहत







हँस के
हम अपना हर
दर्द छिपा लेते है
हमे प्यार है
तुमसे
ये बात हम अपनी
निग़ाहों से भी बचा लेते हैं 

तुम्हें इंकार तो नहीं
पर मैं अपने
रिश्तों से बंधी
हर बार इनकार
कर देती हूँ 

और दिल की चाहत
अपने आहों मे भर
रूह के हवाले
कर देती हूँ


रेवा