ज़िन्दगी मे पहली बार
ऐसा हुआ की
मुझे खुद से प्यार हो गया .......
सच मानो
ये एहसास
पहले कभी नहीं हुआ !!!
आह ! पहले मैं कहाँ थी ?
पहले क्यूँ नहीं देखा
इस लड़की को
अपने अंदर .......
हमेशा थी वो मेरे
आस पास फिर भी
ढूंढती रही
किसी और मे ,
अब जो मिल गयी है
तो जाने न दूँगी ,
प्यार से इसे प्यार करुँगी
हर पल खुद को
याद दिलाती रहूँगी
ताकि कायम रहे
खुद से खुद की आशिकी !!
रेवा
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-06-2017) को
ReplyDeleteरविकर शिक्षा में नकल, देगा मिटा वजूद-चर्चामंच 2541
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आभार मयंक जी
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteफौंट जरा बड़ा कर लें |
shukriya suman ji .....kuch problem hai nahi badh raha font
Deleteवाह..बहुत बढि़या..अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने :)
ReplyDeleteshukriya sanjay bhaiya
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