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Thursday, July 19, 2018

कौन हूँ मैं ??



कौन हूँ मैं ??
एक नारी
बहुत आम सी
साँवले रंग वाली
गढ़ी गयी थी मैं
जिस गढ़त में
कई सालों तक
उसी के साथ चली
सीखी थीं जो बातें
उन्हें ही सच मानती रही
पर दुनिया कुछ और ही है
ये बात धीरे धीरे पता चली.....

तो मैंने दुबारा से ख़ुद को गढ़ा
एक नया चेहरा बनाया
जो मुझे बहुत पसंद आया
अक्षरों से दोस्ती की
और अपनी एक
नई दुनिया बनायी
जो इन किताबों से शुरू
होकर लफ़्ज़ों के रास्ते
तय करते हुए
कलम तक जाती है
और सुकून से भर
देती है मन ....


#रेवा

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