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Monday, July 30, 2018

बूंदों की पोटली






बूंदों की पोटली में 
बांध कर 
भेजी है मैंने 
प्यार की सौगात....
जब वो बूँद
पड़ेगी तेरे तन पर
तो महसूस होंगे
तुझे
मेरे एहसास......     

       
पर वादा करो
अगली बरसात के
साथ
लौटाओगे मुझे अपने
जज्बात.....


गर न भी मिल पाए 
हम तुम तो क्या 
यूँ ही बरसात के साथ
भेजते रहेंगे एक दूजे को
साथ होने का एहसास.......

#रेवा
#बरसात 

8 comments:

  1. वाह बहुत सुंदर

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    1. शुक्रिया अनुराधा जी

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  2. भीगे शब्‍द एक प्यारी सी कविता, जो अच्छी लगी

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  3. pyar ki barsat....

    bahut sunder

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (01-08-2018) को "परिवारों का टूटता मनोबल" (चर्चा अंक-3050) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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