मैं रोज़ ख़ुद से
अनेकों युद्ध लड़ती हूँ
खुद को फिर अदालत में
खड़ा कर सवाल करती हूं
सवालों का सही जवाब
न मिलने पर
सजा सुना देती हूं
और ये क्रम
अनवरत चलता रहता है
जाने कब मैं अपने सवालों के
सही जवाब दूँगी और
खुद को अपनी
अदालत में बा इज़्ज़त बरी
कर पाऊंगी !!!
रेवा
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