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Thursday, August 16, 2018

क्षणिकाएं



बरसात पर कुछ क्षणिकाएं 

१. एहसासों की बरसात तो बहुत हुई 
    पर दिल आजकल कंक्रीट का जंगल 
    हो गया है 
    बिना जज़्ब हुए बह जाते हैं एहसास......

२. बड़ी मुश्किल से तन्हाई में
    खुश रहना सीखा था मैंने
    तेरी यादों की बरसात ने
    मेरी तमाम कोशिशों को
    बूँद बूँद कर बहा दिया.....

३.  गीले बरसात ने
    आज फिर ताज़ा कर दी
    सीली यादों को  
    उन्हें तुम बेरुखी की तपिश
    से बचाये रखना....


४. बादल जब धरती पर बरस जाते हैं तो
    आसमान बिलकुल साफ़ हो जाता है
    बस ऐसे ही मैं तुम्हारे काँधे पर 
    सर टिका कर बरसना चाहती हूँ......

५. इतनी बरसात के बावजूद
   जल की मछली
   जल में है प्यासी.....

#रेवा
#बरसात





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