Pages

Tuesday, January 1, 2019

लम्हा


वो लम्हा वो पल
कुछ उसमें मैं रह गयी हूँ
कुछ वो मुझ में समा गया है

उस पल को जितना
जीती हूँ वो मुझे
उतनी ही ऊर्जा से
भर देता है

चाहे वो पल क्षणिक ही था
पर धीरे धीरे दिल की
तहों में घुल  कर
जीने का बहाना बन
गया है

मैं जानती हूँ
जीवन में अब कभी
वो पल दोबारा नहीं आएगा
मैं चाहती भी नहीं

क्योंकि मैं उस लम्हे से
मिले एहसास को उसके 
संपूर्ण प्रगाड़ता के साथ 
अपने जीवन की
बहुत प्यारी याद
बना कर रखना
चाहती हूँ

और जब जी चाहे 
उस लम्हे को 
यादों के रेशमी धागों 
से निकाल कर जीना 
चाहती हूँ !!!!!


#रेवा
#एहसास

7 comments: