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Thursday, October 10, 2019

नमी





जैसे जैसे बारिश की बूंदें
मिट्टी पर गिरती हैं
मिट्टी नमी सोखने लगती है
बारिश जब ज्यादा हो जाये तो
मिट्टी की सतह उसे और
सोख नहीं पाती और
पानी इकट्ठा हो जाता है या
बहने लगता है
मेरा मन भी उसी मिट्टी की
तरह है
कड़वाहट की बारिश
झेल लेता है पर ज्यादा हो तो
अक्सर आँखों के रास्ते
बहने लगता है

6 comments:

  1. सुंदर तुलनात्मक रचना।
    नई पोस्ट पर आपका स्वागत है 👉 ख़ुदा से आगे 

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  2. सुंदर प्रस्तुति

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  3. बहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.

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  4. very useful information.movie4me very very nice article

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