प्यार शब्द खुद मे इतना प्यारा है की इसे किसी परिभाषा की ज़रूरत नहीं ……ये एक एहसास है जो बस महसूस किया जा सकता है,पर इसके साथ ये भी सच है की प्यार की बड़ी बड़ी बातें सभी लोग कर लेते है……पर सच्चा प्यार बहुत कम लोगों के नसीब मे होता है……ये भी माना के प्यार दर्द भी देता है पर अगर ये सच्चा है तो संतुष्टि भी देता है…ऐसा प्यार हमे प्रभु के और करीब ले जाता है …ये मेरी भावनाएं और एहसास , इन्हीं को शब्द देने की कोशिश है मेरी …....
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Thursday, June 25, 2009
कभी ऐसा भी होता है
कभी ऐसा भी होता है
बार बार आंखें भर आती है लोग पूछते है क्या हुआ ? हाँथ पाँव शरीर सब सलामत है फ़िर यह आंसू क्यों ?
उन्हें क्या पता यह दिल की तड़प सिने की जलन प्रियतम से विरह का एहसास
rung hasey rung royey , chup bhi kar jaye...ye awastha deewano ki hoti hai...
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